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Nepal: नेपाल के नवनियुक्त प्रधानमंत्री प्रचंड आज संसद में हासिल करेंगे विश्वास मत


काठमांडू, । नेपाल के नवनियुक्त प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ अपने सहयोगियों से मंगलवार को संसद में विश्वास मत हासिल करेंगे। सीपीएन-माओवादी केंद्र के 68 वर्षीय नेता ने 26 दिसंबर को तीसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी। उन्होंने नेपाली कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन से बाहर निकलकर विपक्ष के नेता केपी शर्मा ओली से हाथ मिला लिया था।

विपक्ष का भी मिल सकता है समर्थन

प्रधानमंत्री प्रचंड की नियुक्ति के बाद नेपाल का पहला संसद सत्र सोमवार को शुरू हुआ। नेपाली कांग्रेस, संसद की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है। माना जा रहा है कि वह विपक्षी बेंच पर रहते हुए भी प्रधानमंत्री प्रचंड के समर्थन में मतदान कर सकती हैं। प्रधानमंत्री प्रचंड ने सोमवार को नेपाली कांग्रेस(नेकां) के प्रमुख शेर बहादुर देउबा से मुलाकात की और संसद में उनका समर्थन मांगा।

बैठक के दौरान कई बड़े नेता रहे उपस्थित

स्थानीय अखबार ने देउबा के एक करीबी नेता के हवाले से बताया कि नेकां मंगलवार सुबह होने वाली संसदीय दल की बैठक के बाद फैसला करेगी कि नई सरकार को समर्थन देना है या नहीं। बता दें कि जब प्रधानमंत्री प्रचंड ने देउबा के साथ बैठक की तो नेकां के उपाध्यक्ष पूर्ण बहादुर खड़का और कृष्ण प्रसाद सितुआला भी मौजूद थे।

चुनाव से पहले नेकां के साथ था गठबंधन

वहीं, पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि नेकां संसद में प्रचंड का समर्थन कर सकती है और खुद विपक्षी के रूप में बनी रह सकती है। नेकां और सीपीएन (माओवादी सेंटर) ने 20 नवंबर को हुए संसदीय चुनाव के लिए चुनावी गठबंधन किया था लेकिन कथित तौर पर नेकां द्वारा प्रचंड को प्रधानमंत्री के पद से इनकार करने के बाद, माओवादी केंद्र ने नई सरकार बनाने के लिए सीपीएन-यूएमएल के साथ गठबंधन किया।

संसद में नेकां के 89 सदस्य

बता दें कि 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में नेकां के 89 सदस्य हैं, जबकि यूएमएल के 79 सांसद हैं। इसी तरह, संसद में सीपीएन (माओवादी सेंटर) के 32, सीपीएन (यूनिफाइड सोशलिस्ट) के 10 और राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी के 20 सदस्य हैं। इसके अलावा, जनमत पार्टी के 6, लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के 4 और नागरिक उन्मुक्ति पार्टी के 3 सदस्य हैं।

138 सांसदों का चाहिए समर्थन

प्रचंड को यूएमएल, राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी (आरएसपी), जनता समाजवादी पार्टी (जेएसपी), जनमत पार्टी, नागरिक उन्मुक्ति पार्टी और तीन निर्दलीय सांसदों सहित 169 सांसदों के समर्थन से प्रधान मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था। प्रचंड को प्रधानमंत्री के रूप में अपना कार्यकाल जारी रखने के लिए 275 सदस्यीय संसद में 138 मतों की आवश्यकता है।

सत्ता को लेकर पार्टियों के बीच हुआ समझौता

सोमवार को पत्रकारों से बात करते हुए प्रचंड ने कहा था कि उन्हें विश्वास मत हासिल होने का पूरा भरोसा है। यूएमएल और माओवादी केंद्र के बीच सत्ता-साझाकरण समझौते के अनुसार, यूएमएल अपने उम्मीदवारों को प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष और स्पीकर के रूप में चुनेगा। सूत्रों के हवाले से पता चला है कि स्पीकर का पद पहले ढाई साल यूएमएल और बाकी कार्यकाल माओवादी केंद्र के उम्मीदवार के पास रखने पर सहमति बनी है। विश्वास मत के बाद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार, पहली संसदीय बैठक के 15 दिनों के भीतर अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव किया जाना चाहिए।