सम्पादकीय

कोरोनापर विजयका दौर


शशांक द्विवेदी
कोरोनाका पहला टीका केंद्रीय स्वास्थ्यमंत्री डा. हर्षवर्धनकी मौजूदगीमें लगाया गया। टीकाकरणके लिए देशमें ३००६ जगहोंपर कोरोना वैक्सीनेशन सेंटर बनाये गये हैं जिनमें सबसे पहले देशके करीब तीन लाख हेल्थ वर्कर्सको वैक्सीन लगेगी। इस अवसरपर डा. हर्षवर्धनने कहा कि कोरोना वैक्सीन संजीवनीका काम करेगी। स्वास्थ्यमंत्रीने देशवासियोंको विश्वास दिलाया कि कोरोनाके खिलाफ जंग जीतेंगे। पीएम मोदीने कोरोना वैक्सीनेशनकी शुरुआतके बिलकुल पहले देशवासियोंको कोरोनाके खिलाफ नया मंत्र दिया उन्होंने कहा, दवाई भी और कड़ाई भी। संकटके समय भारतने १५० देशोंकी मदद की। साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया है कि मास्क, दो गजकी दूरी वैक्सीनके बाद भी जरूरी है। पीएम मोदीने वैक्सीनेशनकी शुरुआत करनेके पहले देशको संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय वैक्सीन दुनियामें सबसे सस्ती है। भारतको अपनी क्षमता और सामथ्र्यपर विश्वास है। वैक्सीन कोरोनाके खिलाफ निर्णायक जीत दिलायगी। निर्धारित प्रोटोकॉलके अनुसार सबसे पहले कोविड-१९ वैक्सीन हेल्थकेयर कर्मियों यानी डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिक्स और स्वास्थ्यसे जुड़े लोगोंको दी जायगी। सभी सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटलको मिलकर इनकी संख्या ८० लाखसे एक करोड़ बतायी जा रही है। इनके बाद करीब दो करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स यानी राज्य पुलिसकर्मियों, पैरामिलिटरी फोर्सेस, फौज, सैनिटाइजेशन वर्कर्सको वैक्सीन दी जायगी। जिन क्षेत्रोंमें कोविड-१९ संक्रमण अधिक है, उन्हें प्राथमिकता दी जायगी। इन सभी प्राथमिकता सूचियोंमें शामिल लोगोंको कोविड-१९ वैक्सीन देनेके बाद ही बची हुई आबादीका नंबर आयगा। भारतमें ड्रग कंट्रोलर जनरल आफ इंडिया (डीसीजीआई) ने कोविड-१९ के इलाजके लिए दो वैक्सीनके आपातकालीन इस्तेमालकी अनुमति दी है। यह दो वैक्सीन हैं- कोविशील्ड और कोवैक्सीन। कोविशील्ड जहां असलमें ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेकाका संस्करण है वहीं कोवैक्सीन पूरी तरह भारतकी अपनी वैक्सीन है जिसे स्वदेशी वैक्सीन भी कहा जा रहा है।
कोविशील्डको भारतमें सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया कंपनी बना रही है। स्वास्थ्य मंत्रालयने कहा कि अभी कोविशील्ड वैक्सीनकी ११० लाख खुराक खरीदी जा रही हैं। सरकारका लक्ष्य जुलाई २०२१ तक ३० करोड़ लोगोंको कोविड वैक्सीन देनेका है और इसे विश्वका सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान भी कहा जा रहा है। कोविड-१९ वैक्सीनके लिए सभी लोगोंको भारत सरकार द्वारा जारी कोविन ऐपपर अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। गौरतलब है कि रजिस्ट्रेशन कराये बिना किसीको भी वैक्सीन नहीं दी जायगी। इस ऐपपर रजिस्ट्रेशन होनेके बाद मोबाइलपर एक मैसेज आयगा जिसमें वैक्सीन लगानेका समय, तारीख और केंद्रका पूरा ब्योरा होगा। रजिस्ट्रेशनके लिए फोटो आईडीके साथ आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, पासपोर्ट, मनरेगा जॉब कार्ड, बैंक या पोस्ट ऑफिस खातेकी पासबुक, कोई पहचान पत्र या फिर पेंशन कार्ड या एम्पलॉयर द्वारा जारी किया गया पहचान पत्र या फिर वोटर आईकार्ड भी जमा करवा सकते हैं। जरूरी बात यही है कि जिस आईडीको रजिस्ट्रेशनके समय दिया जायगा, टीकाकरण उसीके आधारपर होगा किसी दूसरी आईडीपर नहीं। क्योंकि वैक्सीन दो चरणमें दी जानेवाली है तो अगली तारीख भी एसएमएसके ही जरिये पता चलेगी। इस ऐपके बारेमें सबसे अहम बात यह है कि अभीतक सरकारसे इस सरकारी ऐपको डाउनलोड करनेके लिए नहीं कहा है मतलब स्वास्थ्य मंत्रालयसे मिली जानकारीके मुताबिक यह कोविन ऐप लोगोंके सेल्फ रजिस्ट्रेशनके लिए फिलहाल उपलब्ध नहीं है और सरकार इसे जल्द ही सार्वजनिक करनेपर काम कर रही है। इससे पहले कोविशील्ड वैक्सीनके दामोंके बारेमें सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियाके सीईओ अदार पूनावालाने बताया था कि वैक्सीनकी एक डोजकी कीमत भारत सरकारको दो सौसे तीन सौ रुपये तक पड़ेगी। यानी कोविशील्ड वैक्सीन भारत सरकारको वैक्सीन लगभग उसी दाममें दे रही है (तीन प्रति डोज) जितनेमें उसकी सहयोगी ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका इसे अंतरराष्ट्रीय बाजारमें दे रही है।
भारतमें कोरोना वैक्सीनको निजी अस्पतालोंमें भी लगवानेके प्रावधानपर काम जारी है लेकिन यहां इसका दाम दोगुना भी हो सकता है। भारत बायोटेकने कहा है कि १६.५ लाख खुराककी आपूर्ति वह मुफ्तमें करेगा। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषणने कहा, बीबीआईएल कोविक्सिनकी १६.५ लाख खुराक केंद्रीय सरकारको एक विशेष संकेतके रूपमें नि:शुल्क प्रदान करेगा। स्वास्थ्य मंत्रालयने आगे कहा कि शेष ३८.५ लाख खुराकके लिए भारत बायोटेक सरकारसे २९५ रुपये प्रति खुराक ले रहा है। हालांकि यह देखते हुए कि कुल खरीदी ५५ लाख खुराककी है, प्रति खुराककी कीमत घटकर २०६ रुपयेपर आ जाती है। अमेरिका समेत दुनियाके कई अन्य देशोंमें कोरोना वैक्सीन बनानेमें अग्रणी रही फाइजर कम्पनीके सीईओने कुछ दिन पहले कहा था, हमारी वैक्सीनके दाम तीन श्रेणीमें रहेंगे। विकसित देशोंके लिए, माध्यम-आयवाले देशोंके लिए और कम-आयवाले कुछ देश जैसे अफ्रीकामें है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञोंके अनुसार वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है। कोविशील्ड एवं कोवैक्सीन दोनों प्रकारकी वैक्सीनमें कोई अंतर नहीं है। वैक्सीनको सभी विशेषज्ञोंने सुरक्षित बताया है इसके साथ केन्द्र सरकारने इसके सुरक्षित होनेकी पुष्टि की है। कोरोना वैक्सीनेशनपर लोगोंके मनमें सबसे बड़ा सवाल यह भी उठ रहा है कि कोरोना वैक्सीनका असर कितने दिनमें होगा। इस सवालपर विशेषज्ञोंके अनुसार हर व्यक्तिको वैक्सीनको दो डोज लेने होंगे और वैक्सीन लेनेके छह सप्ताह बाद वैक्सीनका असर होगा। कोरोना वैक्सीनेशनसे लोगोंमें कोरोना वायरसको लेकर इम्युनिटी डेवलप हो चुकी है। वैक्सीनेशनके बाद देशमें ६०-७० फीसदी लोगोंमें इम्युनिटी डेवलप हो जायगी जिससे हर्ड इम्युनिटी कहते हैं। इसके बाद कोई भी वायरस खुद ही समाप्त होने लगता है। कोरोनाका टीका एंटबॉडीको बूस्ट करेगा इसलिए सभीको टीका जरूर लगवाना है। कोरोना पाजिटिव हो चुके लोगोंका भी वैक्सीन, जो लोग कोरोना पॉजिटिव हो चुके है उनको भी कोरोना वैक्सीन लगायी जायगी। यदि मान लीजिए किसी व्यक्तिको जिस दिन वैक्सीन लगायी जानी है उस दिन उसमें कोरोनाके लक्षण (बुखार सहित अन्य) तो उसको स्वस्थ होनेके १४ दिन बाद वैक्सीन लगायी जायगी।