वाराणसी

देशको २०२५ तक क्षय रोगसे मुक्त करनेका लक्ष्य


उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने वाराणसी की साड़ी इंडस्ट्रीज एवं माइक्रो स्माल एंड मीडियम इंटरप्राइजेज (एमएसएमई)के उद्यमियों से टीवी से ग्रसित बच्चों एवं आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद लेकर समाज का सहयोग करने की अपील करते हुए उन्हें अपने प्रेरणादायी संबोधन से प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में लोगो का सहयोग करने के लिए किसी को निमंत्रण नहीं दिया गया था, किंतु भारत की संस्कृति के अनुरूप लोगों ने स्वयं आगे आकर लोगों का हर स्तर पर सहयोग किया जिसे पूरी दुनिया ने देखा और विश्व में हम इस क्षेत्र में सबसे अग्रणी रहे। राज्यपाल ने अपने तीन दिवसीय वाराणसी दौरे के दूसरे दिन सोमवार को सर्किट हाउस सभागार में साड़ी इंडस्ट्रीज एवं माइक्रो स्माल एंड मीडियम इंटरप्राइजेज (एमएसएमई) उद्यमियों के साथ बैठक के दौरान टीवी से ग्रसित बच्चों एवं आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद लेकर उनकी आवश्यकता को पूरा करने के लिए सामाजिक सहयोग के प्रति लोगों को सामाजिक दायित्व का बोध कराते हुए सहयोग के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि हमारे नन्हे.मुन्ने बच्चे ही देश के भविष्य है। जब वही कुपोषित हो तो भविष्य कैसे बनेगा। देश की जितनी आबादी है, सरकार अपने स्तर पर हर क्षेत्रों में बहुत बड़े पैमाने पर लोगों के जीवन स्तर को सुधारने एवं सामाजिक कार्यों को कर रही है, लेकिन इस कार्य में समाज के उद्यमियों एवं प्रबुद्ध जनों को भी बढ़ चढ़कर आगे आकर अपने सामाजिक दायित्व का निर्वहन करना होगा। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत शौचालय निर्माण की बात सामने आने पर अनेको एनजीओ ने आगे आकर इस कार्य में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और वर्तमान समय में शत-प्रतिशत शौचालय का निर्माण हो गया। अन्यथा शौचालयों के निर्माण कराने में ही कई वर्ष लग जाते। पूरे विश्व में वर्ष २०३० तक दुनिया को टीवी से मुक्त करने की घोषणा की है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोचा कि तब तक हमारे कितने बच्चों की मौत हो जाएगी और इसलिए उन्होंने भारत को वर्ष २०२५ तक पूरी तरह टीवी मुक्त करने का संकल्प लिया है। चिकित्सा व्यवस्था एवं लोगों के सहयोग से २०२५ तक भारत वास्तव में टीवी मुक्त हो जाएगा। उन्होंने उद्यमियों से जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा से संपर्क कर टीवी ग्रसित बच्चों को गोद लेकर उनकी देखरेख तथा पोस्टिक आहार उपलब्ध कराये जाने पर जोर देते हुए कहा कि टीवी से ग्रसित बच्चों को समय से दवा एवं पौष्टिक आहार मिलता रहेए तो वे आगामी छह माह के अन्दर टीबी रोग से मुक्त हो जाते हैं। टीवी ग्रसित गोद लिए बच्चों के घरों पर जब जाकर उनकी देखरेख की जायेगी, तो उनमें और उनके अभिभावको में भाव पैदा होगा। उन्होंने कहा कि टीवी के बच्चों को घरों में ही कैद न किया जाये बल्कि उन्हें स्कूलों में भी भेजा जाए जिससे उनकी शैक्षणिक गतिविधि किसी भी दशा में रुकने न पाए। उन्होंने बताया कि पूरे भारत के २० फीसदी टीवी ग्रसित बच्चे प्रदेश में है। टीवी से ग्रसित मरीजों को चिन्हित करके यदि उन्हें समय से अस्पताल पहुंचाया जाए और उनका देखरेख किया जाए, तो वे आगामी पांच से छह माह के अंदर टीबी रोग से मुक्त हो जाते हैं। टीवी के मरीजों को घर-घर जाकर चयनित करने का प्रदेश सरकार ने अभियान चलाया है। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उद्यमियों से आंगनवाड़ी केंद्रों को गोद लेकर वहां पर बच्चों को बैठने के टेबुल, बेंच, किताबें एवं खिलौना आदि की उपलब्धता पर विशेष जोर दिया। जिससे आंगनवाड़ी केंद्रों के प्रति लोगो एवं नौनिहालों में रुझान पैदा हो सके। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा महिलाएं व बच्चे हमारा स्तंभ स्वरूप है। हमारी बच्चियां कमजोर होंगी तो भारत को मजबूत नहीं बनाया जा सकता। उन्होंने बच्चों को संस्कारी बनाए जाने पर भी विशेष जोर दिया। उत्तर प्रदेश के लघु एवं सूक्ष्म उद्योग राज्यमंत्री चौधरी उदयभान सिंह ने भी उद्यमियों से टीवी ग्रसित बच्चों एवं आंगनवाड़ी केंद्रों को गोद लेकर अपने सामाजिक दायित्वों का निर्वहन किए जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मां संस्कारी व सुशील होगी तो बच्चे भी वैसे ही होंगे, तो देश भी सशक्त होगा। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का स्वागत करते हुए कहा कि राज्यपाल की प्रेरणा निश्चित रूप से बनारस को मानवीय शहर बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। टीवी ग्रसित बच्चों एवं आंगनवाड़ी केंद्रों को गोद लेने की दिशा में जिला प्रशासन कार्यक्रम चला रहा है और चलाता रहेगा। इस दौरान उद्यमियों ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को टीवी ग्रसित बच्चों एवं आंगनवाड़ी केंद्रों को उनकी भावनाओं के अनुरूप गोद लेकर समुचित सहयोग दिए जाने का आश्वासन दिया। बनारसी साड़ी के निर्माता सर्वेश श्रीवास्तव ने अपने आय की १० फीसदी धनराशि टीवी ग्रसित बच्चों एवं आंगनबाड़ी केंद्रों के सहायतार्थ उपलब्ध कराए जाने को कहा। बनारसी साड़ी के निर्माता सर्वेश श्रीवास्तव ने बनारसी साड़ी पर बने राम मंदिर की कलाकृति से संबंधित साड़ी भी राज्यपाल को भेंट की।