पटना

पटना: महिलाओं को शिक्षा, संपत्ति में मिले बराबरी का हक : सुशील मोदी


पटना (आससे)। महिलाओं को जबतक शिक्षा, संपत्ति और सत्ता में बराबरी का अधिकार नहीं मिल जाता है, तब तक इनके सम्मान का कोई मतलब नहीं है। ये बातें शनिवार को पूर्व डिप्टी सीएम व भाजपा सांसद सुशील मोदी ने कहीं। वे बीजेपी को ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि भारत एक ऐसा देश है, जहां शक्ति, शिक्षा व संपत्ति की प्रतीक देवियां दुर्गा, सरस्वती और लक्ष्मी हैं, किन्तु आज महिलाएं ही सबसे ज्यादा निरक्षर, अबंला और निर्धन हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं को सम्मान और शक्ति देने का काम देश में पहली बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया।

उन्होंने कहा कि आज छह राज्यों की गर्वनर महिलाएं हैं, एक महिला तो केन्द्रीय वित्त मंत्री हैं। अबतक खुले जन-धन खातों में २७ करोड़ खाते महिलाओं के हैं। नमो सरकार ने आठ करोड़ महिलाओं को उज्जवला योजना के तहत गैस कनेक्शन दिये हैं।

मुद्रा योजना के तहत ७.८८ करोड़ महिलाओं को लोन देने के साथ ही, उनके मातृत्व अवकाश को १२ हफ्ते से बढ़ा कर २६ हफ्ते कर दिया है। मुस्लिम महिलाओं को केवल तीन तलाक जैसी कुप्रथा से ही मुक्ति नहीं दिलायी गयी, बल्कि कानून में संशोधन कर पुरुर्षों के बिना उन्हें हज पर जाने की सुविधा भी दी गयी है।

उन्होंने कहा कि बिहार देश का पहला राज्य है, जहां एनडीए की सरकार ने महिलाओं को पंचायत चुनाव में ५० प्रतिशत आरक्षण दिया। सरकारी नौकरियों मं महिलाओं को ३५ प्रतिशत आरक्षण मिला। पुलिस में आज २३ प्रतिशत महिलाएं काम कर रही हैं। इंटर पास अविवाहित लड़कियों को २५ हजार व स्नातक पास करने वाली को ५० हजार रुपये देने का प्रावधान कर उन्हें शिक्षा के लिए प्रेरित किया गया है।