पटना

बिहारशरीफ: औचक जांच में अनियमितता मिलने के बाद कई जविप्र दुकानों पर कार्रवाई की गाज तय


      • पांच प्रखंडों के वरीय प्रभारी पदाधिकारियों ने दो दिन बाद तक नहीं सौंपा अपना जांच रिपोर्ट
      • अभी तक प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार 14 पर कार्रवाई की गाज गिरनी तय
      • 32 दुकानदारों का कार्य संतोषप्रद जबकि 2 ऐसे भी जब-जब होती है जांच दुकान बंद कर होते हैं फरार

बिहारशरीफ (आससे)। दो दिन पूर्व जिले के विभिन्न प्रखंडों में प्रखंडों के वरीय पदाधिकारी को भेजकर जनवितरण प्रणाली की दुकानों का औचक निरीक्षण कराया गया। 02 जून को हुए जांच के बाद सभी वरीय प्रभारी पदाधिकारियों ने जिला पदाधिकारी को प्रतिवेदन भेजा। इस आलोक में अब जहां-जहां अनियमितता पायी गयी है वहां कार्रवाई की गाज गिरनी शुरू होने वाली है। जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने डीएम को जो प्रतिवेदन भेजा है उस आलोक में कई डीलरों पर कार्रवाई की गाज गिरनी तय मानी जा रही है, जबकि कई लोगों को गलतियों में सुधार का अवसर भी मिलने की संभावना है। हालांकि कुछेक दुकानें बंद भी मिली। वहीं कई दुकानों में स्थिति संतोषजनक पाया गया।

जिला आपूर्ति शाखा ने जिला पदाधिकारी को जो रिपोर्ट सौंपा है उसमें बिहारशरीफ प्रखंड के चार दुकानों में वरीय प्रभारी पदाधिकारी मृदुला कुमारी ने जांच किया था। इसमें विजेंद्र प्रसाद के विरुद्ध दिये गये मंतव्य में पदाधिकारी ने लिख है कि सभी लाभुक संतुष्ट है लेकिन दुकान संकीर्ण  स्थल पर है। ऐसे में कोविड मानक का पालन करवाना कठिन है। दिनेश प्रसाद जविप्र के संबंध में दिये गये प्रतिवेदन में लाभुक को तो संतुष्ट बताया लेकिन पीएमजीकेएवाई भंडारण पंजी संधारित नहीं पाया गया है। इसी प्रकार चंद्रिका प्रसाद जविप्र के संबंध में उन्होंने प्रतिवेदित किया है कि लाभुक को गल्ला मिला है, लेकिन उसके साथ टैग दुकान हेतु अप्रैल माह में वितरण कम हुआ था, जिसका भौतिक सत्यापन ठीक-ठाक करना संभव नहीं है। सुधीर प्रकाश के संबंध में रिपोर्ट किया गया है कि पीएमजीकेएवाई का भंडार पंजी अलग से संधारित नहीं है। जबकि जून माह के लिए गेहूं चावल का उठाव हो चुका है।

हरनौत प्रखंड में सीनियर डिप्टी कलक्टर आशुतोष रंजन ने चार दुकानों का रिपोर्ट सौंपा है और सभी के कार्यों को संतोषप्रद बताया है, जबकि नूरसराय प्रखंड के लिए वरीय प्रभारी पदाधिकारी गोपाल प्रसाद ने दुकानदार रामेश्वर प्रसाद के संबंध में प्रतिवेदित किया है कि विक्रेता से लाभुक संतुष्ट नहीं है।

रहुई प्रखंड में पांच दुकानों की जांच की गयी, जिसमें विजेंद्र प्रसाद, रहुई पैक्स, संजय कुमार और संतोष कुमार जविप्र का कार्य संतोषजनक पाया गया,  वहीं बालेश्वर प्रसाद के खिलाफ गंभीर शिकायत पाया गया। वितरण में अनियमितता मिली, जिसकी अनुज्ञप्ति रद्द करने की अनुशंसा की गयी।

इस्लामपुर प्रखंड में वरीय प्रभारी पदाधिकारी कृत्यानंद रंजन ने तीन दुकानों का प्रतिवेदन दिया है, जिसमें तीनों दुकानदारों के कार्यों को संतोषजनक बताया है। इसी प्रकार चंडी में प्रमोद कुमार जिला आपूर्ति पदाधिकारी खुद जांच किये। उन्होंने बच्ची देवी जविप्र के विरुद्ध प्रतिवेदित किया है कि अनियमितता पायी गयी है और अग्रोतर कार्रवाई के लिए एसडीओ को प्रतिवेदित किया गया है। इसी प्रकार सिलाव प्रखंड में अपर अनुमंडल पदाधिकारी अमित अनुराग ने जांच की, जिसमें दो दुकानों का कार्यकलाप संतोषप्रद पाया गया, वहीं कौशलेंद्र कुमार गुप्ता तथा ग्राम सहयोग समिति की दुकान बंद मिली। जबकि शबाना बानो डीलर के द्वारा लाभुक को आधा किलो अनाज कम दिया जाता है और सूचना पट्ट पर मूल्य भंडार पट्ट भी नहीं पाया गया।

गिरियक में एलआरडीसी इफ्तेखार अहमद ने चार दुकानों की जांच की और सभी का कार्य संतोषप्रद बताया। उत्पाद अधीक्षक विजय शेखर दूबे कतरीसराय प्रखंड के तीन दुकानों की जांच की और सभी का कार्य संतोषजनक पाया। इसी प्रकार जिला मत्स्य पदाधिकारी उमेश रंजन बिंद के दो डीलरों के संबंध में कार्यों से संतुष्ट बताया। हिलसा में सीनियर डिप्टी कलक्टर नवीन कुमार पांडेय ने दो दुकानों के बारे में प्रतिवेदित किया है। शिवजी प्रसाद का वितरण पंजी एवं स्टॉक पंजी उपलब्ध नहीं कराया गया, जबकि जितेंद्र कुमार का दुकान बंद पाया गया। दूरभाष पर बात हुई, लेकिन दुकान खोलने से इन्कार कर दिया।

इसी प्रकार करायपरशुराय में श्रम अधीक्षक यदुवंश नारायण पाठक ने तीन दुकानों का जांच किया और सभी को संतोषजनक बताया। एकंगरसराय प्रखंड में हिलसा के एडिशनल एसडीओ शशांक राज ने चार दुकानों का जांच किया, जिसमें दो का कार्य संतोषजनक बताया। वहीं कमला देवी का दुकान बंद मिला। पहले भी जांच वाले दिन में दुकान बंद पाये जाने की बात कही गयी है। इलेक्ट्रॉनिक तराजू उपयोग नहंी किया जाता हैं उपभोक्ता की शिकायत मिली कि राशन कम दिया जाता है। जबकि महेंद्र की दुकान को भी बंद पाया गया। पहले भी यह दुकान जांच में बंद मिला था। इस दुकान के लिए भी ना इलेक्ट्रॉनिक तराजू है और यहां भी उपभोक्ता को राशन कम दिया जाता है।

सरमेरा में सीनियर डिप्टी कलक्टर अभिषेक कुमार ने पांच दुकानों की जांच की और सभी का कार्य संतोषजनक बताया। इसी प्रकार नगरनौसा में भी तीन दुकानों की जांच हुई और कार्य संतोषजनक बताया गया। परबलपुर में डीडब्लूओ ने दुकान जांच की लेकिन उनका प्रतिवेदन अप्राप्त है। इसी प्रकार थरथरी में सीनियर डिप्टी कलक्टर किशन कुमार, राजगीर में सीनियर डिप्टी कलक्टर अनिल कुमार, बेन में सीनियर डिप्टी कलक्टर शशि कुमार तथा अस्थावां में एलआरडीसी कुमार प्रशांत ने दुकानों की जांच की, लेकिन अब तक उनका प्रतिवेदन अप्राप्त है।