पटना

भू-अभिलेखन के डिजिटलाइजेशन में बिहार अव्वल : राम सूरत


पटना (आससे)। राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय ने कहा कि भू-अभिलेखन के डिजिटलाइजेशन के क्षेत्र में बिहार देश का सबसे अब्बल राज्य बन गया है। इस क्षेत्र में बिहार ने तेलंगाना, महाराष्ट्र, तमिलनाडु आदि राज्यों को पीछे छोड़ चुका है। हमारी सरकार ने १५ वर्षों में भूमि सुधार के क्षेत्र में जितना काम किया है, उतना किसी सरकार ने नहीं किया। श्री राम गुरुवार को विधान सभा में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के आय-व्ययक पर आयोजित वाद-विवाद में सरकार की ओर से उत्तर दे रहे थे।

उन्होंने कहा कि राज्य में ऑन लाइन दाखिल-खारिज, भू-लगान, दखल-दिहानी आदि कार्य व्यापक तौर पर किये जा रहे हैं। सरकार अभिलेख प्रबंधन, सर्वे और रिसर्वे आदि का काम डिजिटलाइज्ड तरीके से हो रहा है। पहले लोग खेसरा, खतियान झोले में लेकर चलते थे अब सभी दस्तावेज ऑनलाइन उपलब्ध है। मंत्री ने बताया कि गत २०१७ से राज्य के सभी जिलों में ऑनलाइन दाखिल-खारिज की प्रक्रिया चल रही है तथा हल्का का निरीक्षण का कार्य किया जा रहा है। भूमि विवाद से संबंधित प्राप्त विवादों में से ७८ प्रतिशत का निवारण किया गया है।

उन्होंने कहा कि खाता, खेसरा तथा लगान हेतु परिमार्जन पोर्टल विकसित किया गया है। मौजूदा बजट गरीबों, दलितों और सीमांत किसानों को केन्द्र में रखकर बनाया गया है। सरकार ने ऐसी व्यवस्था की है कि अब विदेश में रहनेवाले बिहारी भी। श्री राय ने कहा कि हर कोई अपनी जमीन का नक्शा ऑनलाइन देख सकता है। स्पीड पोस्ट के माध्यम से भी नक्शा उपलब्ध कराया जा रहा है। अब कोई कागजातों के साथ छेड़छाड़ नहीं कर सकता।

उन्होंने कहा कि अब श्मशान की भूमि पर किसी प्रकार का सरकारी काम नहीं होगा। कब्रगाहों की घेराबंदी का काम भी व्यापक तौर पर हुआ है। राजस्व विभाग में कर्मचारियों की कमी को स्वीकारते हुए मंत्री ने कहा कि कर्मियों की कमी को दूर करने के लिए संविदा पर लोगों की बहाली की जा रही है। आगामी ९ मार्च को अमीनों को प्रशिक्षण देकर उन्हें विभिन्न जिलों में पदस्थापित किया जायेगा। बड़ी संख्या में नियुक्ति की प्रक्रिया भी चल रही है, जिसे छह माह में पूरा कर लिया जायेगा।