पटना

राजगीर: नेचर सफारी का लुत्फ उठाने आये पर्यटकों से बदसलूकी कर रहे हैं पुलिस के जवान


राजगीर (नालंदा) (आससे)। पर्यटक नगरी में सोनभंडार के पास रविवार को हजारों की संख्या में नेचर सफारी देखने की लालसा लेकर आये पर्यटकों की भीड़ उमड़ पड़ी। वहीं वहां पर तैनात पुलिस के एंटी राइट्स बटालियन के सुरक्षा जवान आने वाले युवा पर्यटकों से बदसलूकी करने पर उतर आये हैं। एक तरफ सीएम नीतीश कुमार ने उद्घाटन के दिन कहा था कि इस नेचर सफारी में युवा आयें और पर्यावरण व नेचर को बारिकी से समझें।

वहीं यहां पर तैनात सुरक्षा कर्मी वनकर्मी लगातार उनके साथ हाथापाई व डंडा से मारपीट और गाली-गलौज करते नजर आते हैं। यह रोज की बात होकर रह गयी है। वहां पर तैनात पुलिस के बड़े अधिकारी मुकदर्शक बने रहते हैं। ऐसा ही हाल कुछ रविवार को भी हुआ। एक युवक को अचानक से कतार से हटाकर पुलिस के जवानों ने हजारों के सामने भद्दी-भद्दी गाली दी और उस पर डंडा मारने के लिए उठाया। कॉलर पकड़ा और खींचकर उसे बाहर कर दी।

इस कारण वहां पर कतार में खड़ी महिलाएं व छोटे बच्चे जो घंटों से कतार में लगे थे में डर का माहौल देखने को मिला। बच्चे सहम गये। पर्यटक युवक सौरव, करतार, सौम्या, सूरज, निर्भय सहित अन्य ने बताया कि अगर जाने ही नहीं देना है तो इसको नेचर सफारी का नाम ही क्यों दिया। इस तरह से यहां पर पुलिस के जवानों से पीटकर नेचर व पर्यावरण को जानना सही नहीं है। पुलिस व वन विभाग के कर्मियों के इस रवैया से पर्यटकों में गहरी नाराजगी देखी गयी। पुलिस-प्रशासन जानवर की तरह व्यवहार करते हैं जो ठीक नहीं है।

लोगों ने कहा कि अब यहां पर दोबारा आने की सोचेंगे भी नहीं। पर्यटकों ने कहा कि बर्दी का रौब दिखाकर सैप व पुलिस के जवान डराते हैं। यहां परिवार के साथ आकर बेइज्जत होना कतई ठीक नहीं। एक तो चिलचिलाती धूप ऊपर से लंबी कतार। उस पर भी टिकट की मारामारी। वन विभाग ने न तो यहां पर कोई शेड की व्यवस्था की है और न ही पानी की। नन्हें बच्चे के साथ महिलाएं वहां पर घंटों तक कतार में खड़ी रहती है। लोग पानी के लिए इधर-उधर भटकते नजर आ रहे हैं। इससे कभी वहां पर हादसा होने का खतरा बना है।

वहीं पर्यटकों को वहां पर मूल्य से दोगुणा या अधिक दाम पर नेचर सफारी व सोन भंडार के पास बंद बोतल वाला पानी लेकर पीना पड़ रहा है। लोग बस में प्रवेश पाने को लेकर भेड़-बकरियों की तरह दौड़ लगा रहे हैं। इन बातों पर सरकार अगर ध्यान नहीं दी तो आने वाले दिनों में कोई बड़ा हादसा हो सकता है। गर्मी के इस सीजन में कभी भी बेहाश होकर वहां पर पर्यटक गिर सकते हैं। ऐसी हालत में उन्हें प्राथमिक उपचार के लिए भी कोई साधन नहीं है।