आर.के. सिन्हा हालके कुछ वर्षोंमें देखनेमें आ रहा है कि इसके कुछ कृत्योंसे इस महान सेनाकी छविपर बुरा असर तो पड़ता ही है। अब ताजा उदाहरण ले लें। महाराष्ट्रके पुणेमें सेना भर्ती परीक्षाका पर्चा लीक करनेके आरोपमें सेनाके एक ४७ वर्षीय मेजरको पुलिस हिरासतमें भेज दिया गया है। इस मामलेमें एक और मेजरकी भी गिरफ्तारी […]
सम्पादकीय
बंगालमें चल रही है वर्चस्वकी जंग
रमेश सर्राफ धमोरा देशके पांच राज्योंमें विधानसभा चुनावकी प्रक्रिया चल रही है। आगामी मई माहतक नयी सरकारका गठन हो जायगा। चुनाव होनेवाले पांच राज्यों असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल एवं पुडुचेरीमेंसे सबसे कड़ा चुनावी संघर्ष पश्चिम बंगालमें देखनेको मिल रहा है। वहां दस साल पहले वामोर्चाके सबसे मजबूत गढ़को ढहानेवाली ममता बनर्जी बंगालकी तृणमूल कांग्रेस […]
आंतरिक संरचना
ओशो अपनी आंखें बंद कर लो और अपनी रीढ़को आंखोंके सामने लाओ। रीढ़को एकदम सीधा रखो। इसका निरीक्षण करो। इसके बीचोंबीच एक तंतुको देखो, कमलके तंतु जैसा नाजुक, तुम्हारी रीढ़के खंभेमेंसे गुजर रहा है। रीढ़में बीचोंबीच एक रुपहला धागा है, एक अत्यंत नाजुक मज्जा तंतु। यह शारीरिक तंतु नहीं है। इसे खोजनेके लिए आपरेशन करोगे […]
क्वाडसे बौखलाया चीन
हिन्द प्रशान्त क्षेत्रमें चीनकी बढ़ती दादागिरीके मद्देनजर भारत, अमेरिका, जापान और आस्ट्रेलियाके बीच बने गठबन्धन ‘क्वाड’ के प्रमुखोंकी पहली बैठक शुक्रवारको सम्पन्न हुई। चारों देशोंके नेताओंके बीच कोरोना वैक्सीन बनाने, अत्याधुनिक एवं संवेदनशील तकनीकीके इस्तेमाल और जलवायु परिवर्तनसे निबटनेके लिए तीन अलग-अलग विशेषज्ञ समूह बनानेका फैसला लिया गया है। प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति […]
जनताको सक्षम बनाये सरकार
डा. भरत झुनझुनवालाï प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदीने सही कहा है कि सरकारका कार्य बिजनेस करना नहीं है। सरकार यह कार्य सफलतापूर्वक नहीं कर सकती है। प्राय: सरकारी इकाइयां घाटेमें ही चलती हैं। सार्वजनिक इकाइयोंमें सरकारके अधिकारी और नेता अपने चहेतोंको नियुक्त कराते हैं। ठेके दिलाते हैं और इनके गलत एवं घटिया कार्योंको इकाईके प्रबंधनको नजरअंदाज […]
चित्तको आनन्दित करते देवता
हृदयनारायण दीक्षित भारतीय परंपराको अंधविश्वासी कहनेवाले लज्जित हैं। कथित प्रगतिशील श्रीराम, श्रीकृष्णको कल्पना बताते थे। वे हिन्दुत्वको साम्प्रदायिक कहते थे। राजनीतिक दलतंत्रका बड़ा हिस्सा भी हिन्दुत्वको साम्प्रदायिक बताता था। कथित प्रगतिशील देवोंकी निन्दा, देव आस्थासे जुड़े उत्सवोंका भी मजाक बनाते थे। लेकिन अचानक देशकी संपूर्ण राजनीतिमें हिन्दू हो जानेकी जल्दबाजी है। संप्रति देशमें हिन्दुत्वका स्वाभाविक […]
उत्तर प्रदेशमें चुनाव पूर्व बसपाकी चुप्पीका अर्थ
अजय कुमार उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावमें अब सालभरका समय बचा है। सभी राजनीतिक पार्टियां एड़ी-चोटीका जोर लगाये हुए हैं। हाल यह है कि प्रदेशकी सियासत दो हिस्सोंमें बंट गयी है। एक तरफ योगीके नेतृत्वमें बीजेपी आलाकमान अपनी सत्ताको बचाये रखनेके लिए हाथ-पैर मार रहा है तो दूसरी ओर कांग्रेस एवं समाजवादी पार्टी साम-दाम-दंड-भेदके तहत किसी […]
शालीनताके साथ
जग्गी वासुदेव मनुष्यके सिवाय दुनियाका हर प्राणी शालीनतासे मरना जानता है। यदि आप जंगलमें जायं, उसमें भी, जहां बहुत सारे जंगली जानवर हों तो किसी शिकारी जानवरके मारे हुए प्राणियोंको छोड़कर आपको किसी भी प्राणीकी लाश ऐसे ही पड़ी हुई नहीं मिलेगी। जंगल क्यों, शहरोंमें भी, जहां आजकल पक्षियोंके नामपर बस कुछ कौवे ही नजर […]
स्वास्थ्य क्षेत्रको महत्व
कोरोनाकालमें स्वास्थ्य क्षेत्रका महत्व और उसकी चुनौतियां भी बढ़ गयीं। यह स्थिति सिर्फ भारतकी ही नहीं, बल्कि पूरी दुनियाकी रही। कोरोनाके खिलाफ जंगमें एक बड़ा मोरचा स्वास्थ्य सेवाओंको सम्भालना पड़ा। चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मियोंने गम्भीर जोखिमके साथ अपनी भूमिका निभायी, जिसमें काफी संख्यामें कोरोना योद्धाओंको अपने प्राणोंकी आहूति भी देनी पड़ी। साथ ही टीकेके विकासके […]
आतंकवादपर राजनीति अस्वीकार्य
आर.के. सिन्हा कुछ वर्ष पूर्व ही देशकी राजधानीमें हुए बटला हाउस एनकाउंटरमें शहीद हुए। दिल्ली पुलिसके जाबांज इंस्पेक्टर मोहनचंद्र शर्माकी जिस आतंकी आरिज खानकी गोलीसे मृत्यु हुई थी, वह खूंख्वार इंडियन मुजाहिदीनसे जुड़ा था। आरिजको धारा ३०२, ३०७ और आम्र्स एक्टमें दोषी करार दिया है। आजमगढ़का रहने आरिज खान उर्फ जुनैदको स्पेशल सेलकी टीमने फरवरी […]