सम्पादकीय

मुश्किल हालातमें जीनेका सामंजस्य

सुरेश सेठ दुनियापर यह कैसी गाज गिरी है कि पिछले बरसके पूर्वाद्र्धसे शुरू हुआ कोरोना प्रकोप विदा लेनेका नाम ही नहीं ले रहा। पिछले वर्षान्ततक उसका दबाव कम हुआ और प्रतिबंध घटते वातावरणमें देशका उद्यमी, व्यवसायी, स्टार्टअप निवेशक और श्रमशील किसान खुली हवामें दम साधकर फिरसे अपने क्षेत्रकी टूट-फूटको संवारनेमें लगना चाहता था। भारतको आत्मनिर्भर […]

सम्पादकीय

मनकी अवस्था

बलदेव राज भारतीय मन चंचल है। मनकी स्थिरता शांति प्रदान करती है। परंतु मनके तुरंग उसे कहां स्थिर रहने देते हैं। मन ही है, जिसके लिए कोई स्थान दुर्गम नहीं है। मन ही है, जिसकी गति प्रकाशकी गतिसे भी अधिक है या यूं कह लीजिए कि समस्त ब्रह्मïाण्डमें सबसे तेज गति मनकी ही है। मनकी […]

सम्पादकीय

वैश्विक एकजुटता जरूरी

आतंकवादका दिनोंदिन बढ़ता खतरा पूरे विश्वके लिए बड़ी चुनौती है। यदि अब भी नहीं चेते तो आनेवाली पीढ़ी हमें कभी माफ नहीं करेगी। काबुल हवाई अड्डïेके पास गुरुवारको हुए बम धमाकोंने पूरी दुनियाको झकझोर दिया है। इस आत्मघाती हमलेमें बड़ी संख्यामें महिलाएं, बच्चे और पुरुष हताहत हुए हैं, जो मानवताके नामपर कलंक है। भारतने इस […]

सम्पादकीय

पिछड़ रहा आर्थिक विकास

 डा. भरत झुनझुनवाला संविधानके निर्माताओंने कल्याणकारी राज्यकी कल्पना की थी। यह कहनेकी जरूरत नहीं कि जनकल्याण हासिल करनेके लिए सरकारी कर्मियोंकी नियुक्ति करनी ही होगी। जैसे हाईवे बनवानेके लिए अथवा सार्वजनिक वितरण प्रणालीको लागू करनेके लिए सरकारी कर्मियोंकी नियुक्ति करना आवश्यक होता ही है। सोच है कि सरकारी कर्मी अपने कार्योंका निष्ठापूर्वक सम्पादन करके देशके […]

सम्पादकीय

परमसत्ताका विस्तार हैं श्रीकृष्ण

हृदयनारायण दीक्षित श्रीकृष्ण परिपूर्ण हैं। वे इकाई और अनंत भी हैं। प्रकृतिकी चरम संभावना। सहज संसारी। असाधारण मित्र। अर्जुनसे मित्रता हुई तो उसका रथ हांका। उसे विषाद हुआ। संपूर्ण तत्व-ज्ञान उड़ेल दिया। संशय नहीं मिटा तो दिखाया विश्वरूप। हम सब विश्वमें हैं। विश्वका भाग हैं। विश्वमें रमते हैं। लेकिन विश्वदर्शनमें रस नहीं लेते। सूर्योदयके उगनेका […]

सम्पादकीय

अफगानियोंको शरण देनेसे बचते इस्लामिक देश

 आर.के. सिन्हा अफगानिस्तानमें तालिबानके कब्जेके बाद हाहाकार मचा है। ज्यादातर स्थानीय अफगानी नागरिक भी अपना देश छोड़कर कहीं और बसना चाह रहे हैं। अफगानिस्तानमें सरेआम कत्लेआम हो रहा है। अफगानिस्तानसे बहुत सारे हिन्दू-सिख समुदायके लोग भी भारत आ रहे हैं। उन्हें यहां सम्मानके साथ शरण भी मिल रही है। परन्तु अफगानिस्तानके मुसलमानोंको इस्लामिक देश अपने […]

सम्पादकीय

राम नामकी महिमा

रीना भारद्वाज प्रभु श्री राम भगवान विष्णुके अवतार हैं, परन्तु इनके त्रिगुण ब्रह्मïा, विष्णु, महेश जो एक ही शक्तिके तीन रूप हैं, एकं पारलौकिक शक्तिका आभास दिलाते हैं। इस बातकी अनुभूति भगवान शिव द्वारा श्रीराम नामका निरंतर जाप है। भगवान श्रीरामने रामेश्वरकी स्थापनाके समय जो रामेश्वरकी व्याख्या की, उसके अनुसार जो रामका ईश्वर है, वही […]

सम्पादकीय

काबुलमें आत्मघाती हमले

अफगानिस्तानकी राजधानी काबुलमें हवाई अड्डïेपर गुरुवारको आत्मघाती बम विस्फोटोंमें ८५ लोगोंकी मृत्यु और बड़ी संख्यामें लोगोंके घायल होनेकी घटना अत्यन्त ही दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। मृतकोंमें १३ अमेरिकी कमाण्डो सैनिक भी शामिल हैं। पूरा विश्व इस हमलेसे मर्माहत है और इसकी कड़ी भत्र्सना भी की गयी है। इन बम धमाकोंसे पूरा काबुल दहल गया और […]

सम्पादकीय

कोरोनाकी चिन्ताजनक स्थिति

तारकेश्वर मिश्र  कोरल भारतमें कोरोना संक्रमणकी तीसरी लहरकी भी पहेली साबित हो रहा है। माना जा सकता है कि पूरे देशका औसतन ५० फीसदीसे ज्यादा संक्रमण केरलमें ही है। भारत सरकार और महामारी विशेषज्ञोंका चिंतित होना स्वाभाविक है। केरलके करीब नौ जिलोंमें कोरोना वैक्सीनकी दोनों डोज ले चुके कई लोग कोविड पॉजिटिव पाये जा रहे […]

सम्पादकीय

संकल्पोंको पूर्ण करनेका महोत्सव

प्रणय कुमार      आजादीका अमृत महोत्सव जन-जनकी चेतनाको स्वतंत्रताके संघर्षकी महान गाथाओं, उसकी पृष्ठभूमिमें व्याप्त मूल प्रेरणाओं, आकांक्षाओंसे जोडऩेका अनूठा एवं अनुपम महोत्सव है। हम उस ऐतिहासिक अवसर एवं कालखंडके साक्षी बनने जा रहे हैं, जहां ठहरकर हर भारतवासीको सिंहावलोकन करना चाहिए कि स्वतंत्रताके पीछेकी मूल भावना-प्रेरणा, आदर्श-आकांक्षा, ध्येय-स्वप्नको हम कितना एवं किस अनुपातमें साकार कर […]