सम्पादकीय

संक्रमित जानवरोंके लिए भी टीका

मुकुल व्यास कोरोना वायरससे बचनेके लिए अब जानवरोंको भी वैक्सीन लगायी जा रही है। अमेरिकाके सेन डिएगो चिडिय़ाघरमें कुछ गोरिल्लाओंके पॉजिटिव होनेके बाद अनेक बड़े वानरोंको वैक्सीन लगायी गयी है। इनमें ओरांगुटान और बोनोबो वानर शामिल हैं। इन्हें वैक्सीन लगानेका काम जनवरीमें शुरू हुआ था जो इस महीने भी जारी रहा। इन जानवरोंको तीन हफ्ते […]

सम्पादकीय

सुखमय जीवन

 दीपचंद  विलियम शेक्सपियरका चिंतन है, अधिकतर लोगोंके दुख एवं मानसिक अवसादका कारण दूसरोंसे अत्यधिक अपेक्षा है। अत्यधिक अपेक्षा आपसी रिश्तोंमें दरार पैदा कर देती है। प्रत्येक मनुष्यको यह बात भली-भांति समझ लेनी चाहिए कि हम स्वयं पूर्ण नहीं हैं तो दूसरा कैसे पूर्ण हो सकता है। इस धरतीपर शायद ही कोई मनुष्य हो जो हमारी […]

सम्पादकीय

काबूमें दूसरी लहर

कोरोना महामारीके खिलाफ जंगमें निरन्तर सफलता मिलना अत्यन्त ही सुखद और राहतकारी है। दूसरी लहर अब नियंत्रणमें आ गयी है। जहां एक ओर नये संक्रमितोंकी संख्या कम हो रही है वहीं मृतकोंके आंकड़ेमें भी उल्लेखनीय गिरावट आयी है और ठीक होनेवालोंकी संख्यामें तेजीसे वृद्धि हुई है। रविवारको केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालयकी ओरसे जारी आंकड़ोंके अनुसार पिछले […]

सम्पादकीय

अनिश्चिततामें छात्रोंका भविष्य

डा. श्रीनाथ सहाय   पिछले साल कोरोनाने जब देशमें दस्तक दी, तब सबसे ज्यादा दुविधा और चिन्ताकी स्थितिमें वह छात्र थे जिनके इस साल दसवीं और बारहवींकी परीक्षाएं थीं। छात्र एक सालसे लगातार पढ़ाईमें जुटे थे, लेकिन यह मालूम नहीं था कि पेपर हो पायंगे या नहीं। इस बीच कोरोनाकी दूसरी लहरने जो असर दिखाया उससे […]

सम्पादकीय

उपलब्धियोंभरे सात वर्ष

 डा. गौरीशंकर राजहंस   प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदीने कहा कोरोनाके कारण सरकारके सात साल होनेके उपलक्षमें इस बार कोई कार्यक्रम नहीं होगा लेकिन पार्टीके कार्यकर्ता जगह-जगह जाकर लोगोंमें सेवाका भाव पैदा करेंगे। प्रधान मंत्रीने यह भी कहा कि भारत राष्ट्रीय सुरक्षाके मुद्दोंपर कभी समझौता नहीं करेगा। प्रधान मंत्रीने अपनी सरकार और विभिन्न मंत्रियों और नेताओंके द्वारा […]

सम्पादकीय

संवैधानिक मर्यादाको तिलांजलि

आनन्द उपाध्याय ‘सरसÓ बीते दिनों विनाशकारी चक्रवाती तूफान यासके चलते उड़ीसा और पश्चिम बंगालमें हुई व्यापक तबाहीसे हुए नुकसानका फौरी आंकलन करनेके संवेदनशील मुद्देपर प्रभावित इलाकोंका बारीकीसे हवाई सर्वेक्षण करनेके बाद प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कलकत्ताके कलाईकुण्डा एयर फोर्स बेसपर पूर्व सूचित सुनिश्चित महत्वपूर्ण बैठकमें ३० मिनटोंके विलम्बसे पहुंचने और बैठकमें औपचारिक रूपसे शामिल […]

सम्पादकीय

सुख-दु:ख

यदि एक आदमीका सुख दूसरेका दुख होता है तो इसका केवल इतना ही मतलब है कि दूसरा आदमी नासमझ है और उसे भी सुखका कोई पता नहीं है। उसका सुख तभी दुख हो सकता है, जब किसी तरह दूसरेका सुख ईष्र्या बनता हो। लेकिन इसमें दूसरेका सुख जिम्मेदार नहीं है, हमारी ईष्र्या ही जिम्मेदार है। […]

सम्पादकीय

भयावह वायु प्रदूषण

वायु प्रदूषण पूरे विश्वमें मानव जीवनके लिए गम्भीर खतरा बना हुआ है। जानलेवा बीमारियोंके बाद पूरी दुनियामें वायु प्रदूषण अकाल मृत्युका सबसे बड़ा कारण बनता जा रहा है, जो गम्भीर चिन्ताका विषय है। भारतमें इसकी स्थिति और भी बदतर है जो आर्थिक बोझ बढ़ानेके साथ ही घातक और जानलेवा साबित हो रही है। विज्ञान एवं […]

सम्पादकीय

छोटे उद्योगोंको प्रोत्साहनकी जरूरत

डा. भरत झुनझुनवाला वैश्विक सलाहकारी कम्पनी मैकेंजीने अक्तूबर २०२० के एक अध्ययनमें कहा था कि यूरोपके छोटे उद्योगोंका स्वयंका अनुमान है कि आधे आनेवाले १२ माहमें बंद हो जायेंगे। भारतकी परिस्थिति ज्यादा दुष्कर है क्योंकि हमारे छोटे उद्योगोंने लाकडाउनके साथ नोटबंदी और जीएसटीकी मार भी खायी है। ई-कॉमर्स और बड़ी कम्पनियोंने छोटे उद्योगोंके बाजारपर कब्जा […]

सम्पादकीय

ऋग्वेदके ज्ञान सूक्तमें भाषा विकास

हृदयनारायण दीक्षित मानवीय सृजन कर्मका सबसे बड़ा फल है भाषा। भाषा अद्भुत लब्धि है। वाणीके जन्मका इतिहास बहुत प्राचीन है। ऐतरेय उपषिदमें कहते हैं, सबसे पहले हिरण्यगर्भ था। इससे मुख छिद्र बना। मुखसे वाणी निकली।  वाणीका रस बड़ा प्यारा है। ‘बतरसÓ का आनन्द ही कुछ और है। हम सब जीवनका अधिकांश भाग संवादमें लगाते हैं। […]