डा. श्रीनाथ सहाय पश्चिम बंगालकी मुख्य मंत्री ममता बनर्जी इस बार अपने राजनीतिक जीवनके सबसे कड़े मुकाबलेसे गुजर रही हैं। दस साल पहले वामदलकी सरकारके शासनका अंत करके सत्तापर काबिज होनेवाली ममता चुनावी अखाड़ेमें खूब पसीना बहा रही है। ममताको कड़ी चुनौती भाजपासे मिल रही है। ममता भी भाजपाके हर हमलेपर पलटवार करनेसे चूक नहीं […]
सम्पादकीय
व्यक्तित्वकी कसौटी
श्रीराम शर्मा व्यक्तित्ववानसे तात्पर्य सुंदरता या साज-सज्जासे नहीं लगाया जाना चाहिए। यह विशेषताएं तो रंगमंचके नट नटियोंमें भी हो सकती हैं। इससे उन्हें आकर्षक मात्र समझा जा सकता है। उन्हें व्यक्तित्ववान नहीं कहा जा सकता। ऐसे लोगोंके प्रति किसीको न श्रद्धा होती है न सम्मान। उन्हें कोई उत्तरदायित्व पूर्ण काम भी नहीं सौंपे जा सकते […]
भारतकी बढ़ी साख
अन्तरराष्टरीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने भारतीय अर्थव्यवस्थाके सन्दर्भमें जो अनुमान और धारणा व्यक्त की है, वह अत्यन्त ही उत्साहवर्धक है। आईएमएफका यह भी कहना है वर्ष २०२१ में भारतीय अर्थव्यवस्थामें १२.५ प्रतिशतकी विकास दर हासिल करनेकी सम्भावना है। यदि ऐसा होता है तो विश्वमें सबसे तेज अर्थव्यवस्था भारतकी होगी और चीनको पीछे छोड़कर वह आगे निकल […]
आन्तरिक सुरक्षाकी चुनौती
डा. सुशील कुमार सिंह सामान्यत: समझा जाता है कि नक्सल आंदोलन उन क्षेत्रोंसे सम्बंधित है जहां आधारभूत संरचनाकी न सिर्फ कमी है, बल्कि संसाधनोंका भी भरपूर आभाव है जबकि सचाई यह है कि नक्सलवाद प्रभावित तमाम इलाके खनिज संसाधनोंके विपुल भण्डारसे पटे हैं। विकाससे अछूता यह क्षेत्र दशकोंसे न केवल नक्सलवादकी समस्यासे जूझ रहा है, […]
सख्ती ही एकमात्र विकल्प
डा. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा देशमें कोरोनाके पीक समय सितंबरमें भी एक दिनमें अधिकतम ९७ हजार ८६० कोरोना संक्रमित एक दिनमें देशमें सामने आये थे। कोरोनाकी दूसरी लहरकी सूचना जब इंग्लैण्ड सहित योरोपीय देशोंसे आने लगी थी तो हम उत्साहित थे कि हमारे यहां दूसरी लहर इसलिए नहीं आयगी कि सरकार द्वारा अहतियाती कदम उठाये जाने […]
सामाजिक तानेबानेकी नयी अभिव्यक्ति
डा. अजय खेमरिया कभी बामन बनियों और बाजारवालों (मतलब शहरी इलाके) की पार्टी रही भाजपा आज अखिल भारतीय प्रभावके चरमपर है। पांच राज्योंके विधानसभा चुनावोंके शोरमें कुछ अहम सवालोंके साथ विमर्शको आमंत्रित करता है। सवाल यह कि क्या भाजपाका अभ्युदय केवल एक चुनावी हार-जीतसे जुड़ा घटनाक्रम है। हर दलके जीवनमें उतार-चढ़ाव आते हैं इसलिए क्या […]
सद्गुरुकी महिमा
बाबा हरदेव गुरुका वचन क्या है। इस निराकार-दातारका इशारा, इस प्रभु-दातारका ज्ञान। जो गुरुके इस वचनपर एतबार करके, इसपर चलता है, गुरुसे यह ज्ञान रूपी रोशनी प्राप्त करता है और जीवनमें अपनाता है, वही इससे लाभ प्राप्त कर सकता है। कहीं बहुत अंधकार है और एक इनसान आवाजें दे कि कोई रोशनी करो, अंधेरेमें बहुत […]
गर्मीका प्रकोप
कोरोना संक्रमणकी तेजीसे बढ़ती दूसरी लहरके बीच इस बार शुरूमें ही गर्मीने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। आनेवाले दिनोंमें तापमानमें और वृद्धिकी सम्भावना है। बंगालकी खाड़ीसे जिस तरहसे पूरवा हवा चल रही है उससे मौसमका मिजाज गरम है। मौसम विभागने सोमवारको बताया कि मासिक औसत अधिकतम तापमानके हिसाबसे पिछले १२१ वर्षोंमें इस सालका मार्च […]
चीनकी नजर चाहबहार बंदरगाहपर
विजयनारायण चीन आखिर पश्चिम एशियामें पहुंच ही गया। यह कोशिश वह विगत तीस वर्षोंसे कर रहा था, लेकिन पश्चिम एशियाके किसी भी देशने उसे घास नहीं डाली, उन्हें इस बातका अच्छी तरह पता है कि चीनके आनेका मतलब ही होता है नये तनावोंको जन्म देना। पश्चिम एशियाके देश यह भी जानते हैं कि चीन यदि […]
वास्तविक ज्ञान
वी.के.जायसवाल व्यक्ति दो तरहसे ज्ञान प्राप्त करता है जिसमें एक ज्ञान ऐसा होता है जो मनको ज्ञानसे तो भर देता है लेकिन हृदयको शून्य नहीं करता, इसलिए इस प्रकारके ज्ञानके लिए यह कहा जा सकता है कि इस प्रकारका ज्ञान सिर्फ सीखनेसे मिलता है। दूसरी ओर एक ज्ञान ऐसा भी है जो मनको कदापि नहीं […]