सम्पादकीय

बंगलादेश यात्राके कई मायने

पुष्परंजन प्रधान मंत्री मोदी पहली ढाका यात्रा छहसे सात जून, २०१५ को कर आये थे। तब सुरक्षा कोई मुद्दा नहीं था। मोदी शासन पार्ट-टू और कोरोना कालकी पहली विदेश यात्रामें सुरक्षाकी चिंता वायरसको लेकर नहीं, अतिवादियोंको लेकर है। बंगलादेशने आश्वासन दिया है कि सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद होगी, चिंताकी कोई बात नहीं। राजधानी ढाका और उससे […]

सम्पादकीय

इन्फ्रास्ट्रक्चर बैंक जरूरी कदम

डा. वरिन्दर भाटिया   सन् १९९१ के आर्थिक सुधारोंके बादसे ही अबतक यह बात बार-बार दोहराई जाती रही है कि सरकारका काम व्यापार करना नहीं है। हम जानते हैं कि १९६९ में तत्कालीन सरकारने १४ बैंकोंका राष्ट्रीयकरण किया था। आरोप था कि यह बैंक देशके सभी हिस्सोंको आगे बढ़ानेकी अपनी सामाजिक जिम्मेदारी नहीं निभा रहे हैं […]

सम्पादकीय

द्विपक्षीय सम्बन्धोंको मिलेगी मजबूती

 प्रणय कुमार प्रधान मंत्री बंगलादेशकी यात्रापर हैं। कोविड महामारीके बाद यह प्रधान मंत्री मोदीका पहला विदेश यात्रा है। वह बंगलादेशके राष्ट्रीय दिवसपर मुख्य अतिथिके रूपमें उपस्थित रहनेवाले हैं। बंगलादेश तथा अपने मित्र एवं पड़ोसी देशोंके प्रति प्रधान मंत्री मोदीकी प्राथमिकता एवं प्रतिबद्धताको भी दर्शाता है। अंतर्बाह्य तमाम चुनौतियों एवं जटिलताओंके बावजूद भारत अपने पड़ोसी देशोंके […]

सम्पादकीय

ध्यानकी गहनता 

श्रीराम शर्मा असंभवको संभव बनानेवाला अंतर्यात्राका विज्ञान उनके लिए ही है जो अंतर्चेतनाके वैज्ञानिक होनेके लिए तत्पर हैं। योग साधक भी रहस्यवेत्ता वैज्ञानिक होता है। फर्क सिर्फ  इतना है कि सामान्य पदार्थ वैज्ञानिक बाह्य प्रकृति एवं पदार्थोंको लेकर अनुसंधान करते हैं, जबकि योग साधक आंतरिक प्रकृति एवं चेतनाको लेकर अनुसंधान करते हैं। जिस जीवनको साधारण […]

सम्पादकीय

कोरोनाका बढ़ता खतरा

देशमें कोरोना वायरसका खतरा निरन्तर गहराता ही जा रहा है। पांच महीनेके बाद नये मामले पिछले २४ घण्टोंमें ५० हजारसे पार पहुंच गये। इसी अवधिमें २५१ मरीजोंकी मृत्यु भी हुई। देशमें कुल संक्रमितोंकी संख्या १,१७,८७,५३४ हो गयी। इनमें ५३,४७६ नये मामले शामिल हैं। इसके पहले २३ अक्तूबर, २०२० को कोरोना वायरसके नये मामले ५० हजारसे […]

सम्पादकीय

बैंकिंग व्यवस्थामें सुधार जरूरी

अभिजीत मुखोपाध्याय देशमें इंफ्रास्ट्रक्चर एवं विकास परियोजनाओंके लिए वित्तीय संसाधन जुटाने हेतु राष्ट्रीय बैंककी स्थापनाकी घोषणा सराहनीय पहल है। इस संबंधमें दो पहलुओंपर चर्चा जरूरी है। कोरोना महामारीके कारण संकटग्रस्त अर्थव्यवस्थामें सुधारके लिए खर्च बढ़ाना आवश्यक है और इसके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर एक उचित माध्यम है। इस क्षेत्रमें अधिक खर्च करनेकी मांग भी व्यापक स्तरपर उठती […]

सम्पादकीय

खिलौना उद्योगको प्राथमिक

डा. जयंतीलाल भंडारी   हालमें प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदीने देशके पहले खिलौना मेला २०२१ का वर्चुअल उद्ïघाटन करते हुए कहा कि खिलौना उद्योगका रणनीतिक विकास करके देश न केवल खिलौना उत्पादनमें आत्मनिर्भर बन सकता है, वरन् वैश्विक बाजारकी जरूरतोंको पूरा करनेकी डगरपर भी तेजीसे आगे बढ़ सकता है। वस्तुत: खिलौना मेलेके जरिये छात्रों, शिक्षकों, खरीददारों, विक्रेताओं, […]

सम्पादकीय

नये सिरेसे पैर पसार रहा कोरोना

डा. श्रीनाथ सहाय कोरोना नये सिरेसे देशभरमें पैर पसार रहा है। पिछले कुछ महीनोंमें ऐसा लग रहा था कि जीवन सामान्य गतिकी ओर बढ़ रहा है। लेकिन कोरोनाकी नयी लहरने आशंकाओंको बढ़ा दिया है। कुछ दिन पहलेतक कोरोना संक्रमणमें लगातार आ रही गिरावटसे लापरवाह हुए लोग यह भूल गये थे कि यह पलटवार भी कर […]

सम्पादकीय

आनन्द ताण्डव 

श्रीश्री रविशंकर शिव कोई व्यक्ति या शरीर नहीं है। शिव वह शाश्वत तत्व है, जो सब तत्वोंका सार है। यह वह मूल तत्व है, जिससे प्रत्येककी उत्पत्ति एवं पालन होता है और इसीमें सब विलीन हो जाता है। इस अति सूक्ष्म एवं अप्रत्यक्ष तत्वको कोई कैसे समझ या समझा सकता है। नटराज अथवा ब्रह्मïांडके नर्तकके […]

सम्पादकीय

जीएसटी ही विकल्प

यह अवश्य राहतकारी है २५ दिनोंके बाद बुधवारको पहली बार पेट्रोलियम और डीजलके खुदरा मूल्यमें १७ पैसे प्रति लीटरकी कटौती की गयी। यह इस वर्षकी पहली कटौती है जबकि फरवरीमें पेट्रोल और डीजल १६ बार महंगा हुआ। इसके बावजूद पेट्रोल और डीजलके मूल्य अब भी रिकार्ड ऊंचाईपर है। इस वर्ष २७ फरवरीको अन्तिम बार पेट्रोल […]