सम्पादकीय

सिंधको पाकिस्तानसे अलग करनेकी मांग

डा. रमेश ठाकुर पाकिस्तानका सिंध प्रांत कट्टरपंथियोंकी दुर्दांत सोचका शिकार सदियों से है। उनपर सेनाका पहला प्रत्यक्ष रूपसे सदैव रहा। जिस आजादीके हकदार वह थे, वह नहीं मिली। उनके हिस्सेमें तरक्कीके जगह यातनाएं और मुसीबतें ही दी गयी। लेकिन अब वह इन सभी से छुटकारा चाहते हैं। यही कारण है कि सिंध क्षेत्रके लोगोंने अब […]

सम्पादकीय

अव्यक्त प्रकृति

स्वामी रामस्वरूप चारों वेदोंमें और यहां वेदोंके आधारपर श्रीकृष्ण महाराजने प्रकृतिको अव्यक्त कहा है। अव्यक्तका अर्थ है जिसका स्वरूप व्यक्त नहीं किया जा सकता, जो आंखोंसे देखा नहीं जा सकता इत्यादि। जिस प्रकार परमात्मा और जीवात्मा अति सूक्ष्म है और यह दोनों तत्व भी अव्यक्त हैं उसी प्रकार जड़ प्रकृति भी अति सूक्ष्म अदर्शनीय तत्व […]

सम्पादकीय

सबक लेनेकी जरूरत

टीकोंका उत्पादन करनेवाली विश्वकी अग्रणी कम्पनी सीरम इंस्टीट्यूट परिसरमें गुरुवारको भीषण रूपसे आग लगने और पांच लोगोंकी हुई मृत्यु अत्यन्त ही दुखद और चिंताका विषय है। पुणेकी इस कम्पनीमें कोरोना टीकेका भी उत्पादन हो रहा है लेकिन यह संतोष और राहतकी बात है कि जिस जगह कोविशील्ड टीकेका उत्पादन हो रहा है वह जगह पूरी […]

सम्पादकीय

भारत-अमेरिकी संबंधोंपर नजर

अवधेश कुमार ट्रंप कालमें भारतके साथ कुछ ऐसे समझौते हुए जो अमेरिका अपने निकटतम देशोंके साथ ही करता है। चीनके साथ हमारे तनावके दौरमें भी ट्रंपने खुलकर भारतका पक्ष लिया। दक्षिण चीन सागरमें भी चीनके खिलाफ जितना कड़ा तेवर ट्रंपने अपनाया वैसा पूर्वके अमेरिकी राष्ट्रपतियोंमें नहीं देखा गया। एकाध अवसरको छोड़ दें तो ट्रंप भारतके […]

सम्पादकीय

रिश्तोंको भी मजबूती देगा टीका

जी. पार्थसारथी पिछली बार जब मानवताको वैश्विक महामारी भुगतनी पड़ी थी तो यह लगभग एक सदी पूर्व १९१८ की बात है, तब न्यूमोनिक महामारीकी वजहसे दुनियाभरमें अनुमानित ५ से १० करोड़ लोगोंकी जानें गयी थीं। तब प्रथम विश्वयुद्ध लगभग खत्म हो चुका था। भारतमें भी अमूमन १.७ से १.९ करोड़ लोग इस घातक इन्फ्लुएंजाका ग्रास […]

सम्पादकीय

चुनौतियोंके बीच कोरोना टीकाकरण

पूरन चंद यह देशके लिए गर्व, वैज्ञानिकोंके लिए उपलब्धि और राजनीतिक इच्छाशक्ति तथा नागरिकोंके संयम की जीत है कि एक ओर अनदेखी, अंजान बीमारी धीरे-धीरे कम हो रही है और दूसरी ओर राहत मिल रही है कि अब सब कुछ पटरीपर लौट रहा है। परन्तु इससे यह समझना भूल होगी कि बीमारी खत्म हो जायेगी, […]

सम्पादकीय

क्षणभंगुर जीवन

हरीश नपी-तुली औपचारिक बातोंसे एक सूत आगे न बढऩे और बिना स्वार्थ कहीं निगाहें न डालनेके लिए मशहूर मित्र वर्माजीका फोन आया। अरसेसे मुलाकात नहीं हुई, मिलनेका बहुत मन है। आग्रहको टालना अशिष्टता थी। मैंने कहा, आपका स्वागत है। कल छुट्टी है, चले आइये। नियत समयपर सपत्नीक पधारे। खुफिया निगाहोंसे कमरेके आकारका मुआयना करते हुए […]

सम्पादकीय

भारतवंशियोंपर भरोसा

विश्वके शक्तिशाली देश अमेरिकाके निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन कल बुधवारको अपने पदका शपथग्रहण करेंगे जिसपर विश्वकी निगाहें भी टिकी हुई हैं, क्योंकि पिछले दिनों डोनाल्ड ट्रम्पके समर्थकोंने जिस प्रकार संसद भवन परिसरमें हिंसक घटनाओंको अंजाम दिया था उससे अमेरिकी लोकतन्त्रपर गहरा आघात पहुंचा था। अमेरिकी प्रशासन पूरी तरहसे सतर्क है और सत्तापरिवर्तनकी प्रक्रियाको शान्तिपूर्ण ढंगसे […]

सम्पादकीय

ट्रम्पवादसे मुक्ति सम्भव नहीं

पुष्परंजन डोनाल्ड ट्रम्पपर लगे महाभियोगके पक्षमें २३२ और विरोधमें १९७ के साथ निचले सदनने प्रस्ताव पास कर दिया। हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिवके चार सदस्योंने इस प्रक्रियामें भाग नहीं लिया था। इसमें दिलचस्प दस रिपब्लिकन सांसद थे, जिन्होंने ट्रम्पके विरुद्ध वोटिंग की। अपनी ही पार्टीके राष्ट्रपतिके खिलाफ वोट, यही अमेरिकी लोकतंत्रकी खूबसूरती है। जो कुछ बदनुमा दाग […]

सम्पादकीय

कोरोनापर विजयका दौर

शशांक द्विवेदी कोरोनाका पहला टीका केंद्रीय स्वास्थ्यमंत्री डा. हर्षवर्धनकी मौजूदगीमें लगाया गया। टीकाकरणके लिए देशमें ३००६ जगहोंपर कोरोना वैक्सीनेशन सेंटर बनाये गये हैं जिनमें सबसे पहले देशके करीब तीन लाख हेल्थ वर्कर्सको वैक्सीन लगेगी। इस अवसरपर डा. हर्षवर्धनने कहा कि कोरोना वैक्सीन संजीवनीका काम करेगी। स्वास्थ्यमंत्रीने देशवासियोंको विश्वास दिलाया कि कोरोनाके खिलाफ जंग जीतेंगे। पीएम […]