वाराणसी

काशी विद्यापीठ से अध्ययन कर कई महापुरुषों ने की देश की सेवा


शताब्दी वर्ष समारोह के दूसरे दिन आनलाइन राज्यपाल का सम्बोधन

राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि मुझे गर्व है कि मैं  काशी विद्यापीठ का छात्र रहा हूं।  इस विश्वविद्यालय से अध्ययन कर कई महापुरुषों ने देश की सेवा की हैं।  यह गौरव का क्षण है कि जहां से मैंने शिक्षा ग्रहण की वह शताब्दी वर्ष मना रहा है। विद्यापीठ स्वतंत्रता संग्राम की जननी रहा है। यह अपनी स्थापना  काल से ही सेवा कार्य कर रहा है।  काशी विद्यापीठ के शताब्दी वर्ष महोत्सव के दूसरे दिन गुरुवार को गांधी अध्ययन पीठ में आयोजित समारोह में वह ऑनलाइन बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने संविधान की प्रस्तावना एवं मूल कर्तव्यों को दोहराते हुए कहा कि काशी शिक्षा का केंद्र रहा है। काशी प्रकाश भूमि है और इसे ज्ञान की भूमि कहा जाता है।  उन्होंने नई शिक्षा नीति के उद्देश्यों को रेखांकित करते हुए कहा कि यह जनआकांक्षाओं का मूर्तरूप है। यह युवाओं की आकांक्षाओं को ध्यान में रखकर तैयार की गई है। इसमें आधुनिक विकास की क्षमता है। नवीनतम तकनीक का जीवन में कैसे उपयोग हो सकता है इसपर ज़ोर दिया जाना चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रोफेसर टीएन सिंह ने की। संचालन डॉक्टर राहुल गुप्ता और धन्यवाद प्रकाश रजिस्टर डॉक्टर साहब लाल मौर्या ने किया। संयोजक डाक्टर सुरेन्द्र प्रताप सिंह थे। कार्यक्रमों में जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के पूर्व वाइसचांसलर प्रोफेसर योगेंद्र सिंह, शताब्दी समारोह आयोजन समिति के संयोजक डॉक्टर बंशीधर पांडेय, मानविकी संकायाध्यक्ष प्रोफेसर शशि देवी सिंह, प्रोफेसर आरपी सिंह, प्रोफेसर अजीत शुक्ला, प्रोफेसर अशोक मिश्रा, प्रोफेसर वंदना सिन्हा, प्रोफेसर सत्या सिंह, प्रोफेसर ब्रजेश सिंह, डॉक्टर के के सिंह, प्रोफेसर  संदीप गिरी, डाक्टर दुर्गेश उपाध्याय, डाक्टर नलिनी श्याम कामिल, प्रोफेसर राजेश मिश्र, प्रोफेसर सुशील गौतम, प्रोफेसर मलिका पांडेय, प्रोफेसर गोपाल नायक, वित्त अधिकारी राधेश्याम, कुलानुशासक संतोष गुप्ता,  प्रोफेसर ओमप्रकाश सिंह, प्रोफेसर रंजन , डाक्टरॉ विनोद सिंह, डाक्टर अरुण शर्मा, हरिश्चंद्र, डाक्टर सुमन ओझा, डाक्टर अमरेन्द्र सिंह, महेंद्र पांडेय, नंद कुमार झा आदि उपस्थित थे।