पटना

नालंदा सांसद ने बिहारशरीफ सहित राज्य के चार स्मार्ट सिटी के कार्यों पर उठाया सवाल


    • लोकसभा में उठाये सवाल में सांसद ने कहा काम के नाम पर अनियमितता और दिखावा
    • बिहारशरीफ सहित अन्य स्मार्ट सिटी में एयरपोर्ट में जतायी आवश्यकता

बिहारशरीफ। नालंदा के सांसद कौशलेंद्र कुमार ने नियम 377 के अधीन बिहारशरीफ स्मार्ट सिटी पर लोकसभा में सवाल खड़ा किये। सांसद ने कहा कि केंद्र सरकार ने 25 जून 2015 को स्मार्ट सिटी नामक महत्वाकांक्षी योजना का शुभारंभ किया, जिसमें 100 शहरों को विकसित कर सभी सुविधाओं से सुसज्जित करने का प्रस्ताव पारित किया गया और पांच वर्षों में इस निर्धारित लक्ष्य को पूरा करना था। इन 100 शहरों में वर्ष 2016 में बिहार के भागलपुर, 2017 में पटना और मुजफ्फरपुर, 2018 में नालंदा जिला मुख्यालय बिहारशरीफ को चिन्हित किया गया।

भागलपुर को 1309.30 करोड़, पटना को 2776.16 करोड़, मुजफ्फरपुर को 1028 करोड़ और बिहारशरीफ को 900 करोड़ रुपये देय की परियोजना स्वीकृत हुई, जिसमें अभी तक कुल 980 करोड़ रुपये यानी पटना के लिए 380 करोड़, मुजफ्फरपुर के 112.50 करोड़, भागलपुर के लिए 382 करोड़ और बिहारशरीफ के लिए 110 करोड़ की राशि निर्गत हुआ, लेकिन चारों शहरों की स्थिति संतोषजनक नहीं है। काम की गति काफी धीमी है। टेंडर हुआ परंतु सब लंबित है। कुछ कार्य हीं दिखावे के लिए किया जा रहा है। परियोजना के लिए एसपीवी जो बना है उसमें नियुक्तियां लंबित है, पद रिक्त है। फिर काम की रफ्तार और निगरानी कैसे होगी।

सांसद श्री कुमार ने कहा कि किसी भी स्मार्ट सिटी को एयरपोर्ट की जरूरत होती है, लेकिन पटना को छोड़कर तीन शहरों में एयरपोर्ट के लिए अभी तक किसी योजना की स्वीकृति नहीं हुई हैं यहां पर अनियमितताओं की काफी शिकायत आ रही है। उन्होंने शहरी कार्य मंत्री से आग्रह किया कि बिहार के चारों चयनित स्मार्ट परियोजना को जल्द पूरा करवाने के लिए जरूरी कदम उठायेँ।