सम्पादकीय

दिव्यताके लिए गीता

आर.एन. तिवारी हमारे धर्माचार्योंने श्रीमद्भगवत गीताको संजीवनीकी संज्ञा दी है। यह हमें जीनेकी राह बताती है। दुर्योधनके अपने जीवन मूल्योंसे भटकनेके कारण ही महाभारतका युद्ध हुआ जिसमें करोडों लोगोंकी मौत हुई। जो केवल अपना भला चाहता है वह दुर्योधन है। जो अपनोंका भला चाहता है वह युधिष्ठिर है और जो सबका भला चाहता है वह […]

सम्पादकीय

टीकाकरणका पूर्वाभ्यास

वैश्विक महामारी कोरोनाके खिलाफ मजबूत लड़ाईमें भारत दुनियाके अग्रणी राष्ट्रोंमें शामिल हो गया है। कोरोनाके लिए टीका विकसित करनेके बाद अब भारतमें टीकाकरणका महा अभियान शुरू होने जा रहा है। यह विश्वका एक बड़ा अभियान होगा। इसके लिए सभी स्तरोंपर आवश्यक तैयारियां हो चुकी हैं। कई क्षेत्रोंमें ‘ड्राई रन’ पूरा होनेके बाद शुक्रवारको देशके ७३६ […]

सम्पादकीय

टीकाकरणपर स्तरहीन राजनीति

निरंकार सिंह दुनियामें आमूलचूल बदलाव लानेवाली विपत्तिके रूपमें प्रकट हुआ कोरोनाका असर आगे भी रहेगा। हालांकि वैक्सीनके आनेसे कुछ राहत जरूर मिलेगी लेकिन हम सबको अभी मुंह बांधनेसे छुटकारा नहीं मिलेगा। अच्छी बात यह है कि भारतने भी चुनौतियोंको अवसरमें बदलनेकी कला सीख ली है एक सालके भीतर कोरोनाकी दो वैक्सीन विकसित करना कोई मामूली […]

सम्पादकीय

जीवनको लील गया भ्रष्टाचार

ऋतुपर्ण दवे गाजियाबादके मुरादनगरके उखलारसी गांवकी घटनाने पूरे देशको झकझोर कर रख दिया। लोग आये तो थे एक मृतकका अंतिम संस्कार करने लेकिन भ्रष्टाचारने २७ लोगोंको निगल लिया। श्मशानमें ही मौतका ताण्डव मच गया। ऐसी घटना उस महानगरमें घटी जहां गगनचुंबी इमारतोंकी भरमार हैं। बड़े-बड़े निर्माण कार्योंमें दक्षताकी कमीं नहीं है। पहली बार शहरमें आया […]

सम्पादकीय

पुनर्जीवित करना होगा विपक्षकी भूमिकाको

डा. अजय कुमार मिश्र किसी भी देशका शीर्ष नेतृत्व इस बातसे इनकार नहीं कर सकता है कि सत्ता सिर्फ पक्षसे नहीं, विपक्षसे भी चलता है। विगत कुछ वर्षोंमें जिस तेजीसे विपक्ष राज्य और केंद्रमें कमजोर हुआ है, कहीं न कहीं जनताका हित भी उतना ही प्रभावित हुआ है और हम ऐसे राहपर बढ़ते चले जा […]

सम्पादकीय

यौगिक प्रणाली

जग्गी वासुदेव आप किस धर्मसे हैं, इसका आपके यौगिक प्रणालीका उपयोग करनेकी योग्यतासे कुछ भी लेना-देना नहीं है, क्योंकि योग सिर्फ एक तकनीक है। तकनीक इसमें भेद नहीं करती। गुरुत्वाकर्षणके नियमोंकी व्याख्या आइजक न्यूटनने की थी, जो ईसाई संस्कृतिमें रहते थे तो क्या सिर्फ इसीलिए यह गुरुत्वाकर्षणको ईसाई बना देता है। योग एक तकनीक है। […]

सम्पादकीय

लोकतन्त्रकी जीत

विश्वके शक्तिशाली देश अमेरिकामें संसदके २२० वर्षोंके इतिहासमें गुरुवारको काले दिनके रूपमें याद किया जायगा। लेकिन बादमें वह लोकतंत्रकी जीत सुनिश्चित करनेमें सफल भी हो गया। निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्पके समर्थकोंने कैपिटाल परिसरके बाहर जिस प्रकार हिंसक उपद्रव किया और पुलिसके साथ उनकी झड़प हुई उससे अमेरिकी लोकतन्त्र कलंकित हुआ है। इस झड़पमें चार लोगोंकी […]

सम्पादकीय

चीनी कर्जमें छटपटाता पाकिस्तान

जी.पार्थसारथी जिस उम्मीदसे महत्वाकांक्षी चीन सीपीईसी यानी चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा योजनामें ६२ खरब डालरका निवेश कर रहा है, उसके निहितार्थ अत्यन्त गम्भीर हैं। इस गलियारेके माध्यमसे चीनके समुद्र तटविहीन प्रांतोंकी पंहुच फारसकी खाड़ीतक बनानी है। इसका एक मकसद यह भी है कि यदि कभी हिंद महासागरसे होकर चीनतक आनेवाली पेट्रोलियमकी सप्लाई या दूरसंचार लाइनोंमें व्यवधान […]

सम्पादकीय

सैन्य विलक्षणताओंसे भरा वर्ष

ब्रिगे. कुलदीप सिंह काहलों हथियारबंद सेनाओंका ढांचा, आधुनिकीकरण, सैन्य तैयारी, बहुपक्षीय विकास, वेतन-भत्ते, पेंशन आदि जैसे खर्चोंका दारोमदार जहां रक्षा बजटपर निर्भर करता है वहीं सरकारकी दूरदर्शितावाली राष्ट्रीय सुरक्षा नीतिके साथ शासकों द्वारा सैन्य वर्गके कल्याण हेतु स्पष्ट नीतिपर साफ नीयतका होना भी जरूरी है। इस संबंधमें सेनाके बीते सालकी विशेषताओं तथा चुनौतियोंका विशलेषण करना […]

सम्पादकीय

बाल अपराधकी हिंसक होती प्रवृत्ति

प्रभुनाथ शुक्ल उत्तर प्रदेशके बुलंदशहरमें एक छात्रकी हरकतने समाजको स्तब्ध कर दिया। १४ सालके स्कूली छात्रने अपने ही सहपाठीको इसलिए गोली मार दी कि स्कूलमें बैठनेको लेकर उसका और सहपाठीका आपसमें झगड़ा हुआ था। इसका बदला लेनेके लिए घटनाके दूसरे दिन अपनी स्कूल बैगमें चाचा कि लाइसेंसी पिस्तौल लेकर आये छात्रने सहपाठीको गोली मार दिया। […]