सम्पादकीय

कालाबाजारीपर अंकुश जरूरी

आनन्द शंकर मिश्र वैश्विक महामारीकी आपदा झेल रहे अधिकांश वर्ग दो जूनकी रोटीको मोहताज हो रहे हैं और महंगी बढ़ती जा रही है परन्तु सरकार है कि जरूरी चीजोंकी कीमत न बढऩेसे दावा करते हुए आंकड़े पेश कर रही है। एक सालमें रोजमर्राकी जीवनोपयोग एवं आवश्यक वस्तुओंके दामोंमें ३२ प्रतिशतकी वृद्धि हुई है। पिछले वर्षमें […]

सम्पादकीय

ध्यान और ज्ञान

श्रीश्री रविशंकर सारी सृष्टि पांच महाभूतोंसे बनी है। हमारा शरीर भी उन्हीं पांच महाभूतों पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु, आकाशसे निर्मित हुआ है। हम अग्नि और आकाशको प्रदूषित नहीं कर सकते। पृथ्वी, जल और वायुका प्रदूषण तो हो ही रहा है। पेड़ोंको काटनेसे ऊंची-ऊंची लोहे, कंकड़, पत्थरकी इमारतें बनानेसे नगरोंका मौसम बदल जाता है और उससे […]

सम्पादकीय

बड़ी सफलताका दावा

आवश्यकता आविष्कारकी जननी है। यह बहुत पुरानी कहावत है लेकिन इसकी प्रासंगिकता आज भी बनी हुई है। कोरोना संकट कालमें इस वायरसको परास्त करनेके लिए पूरी दुनियाके सक्षम देशोंने नये-नये आविष्कारोंके लिए मजबूत कदम आगे बढ़ाया जिसके अनेक सार्थक परिणाम सामने आये हैं। चाहे वह टीका हो या दवाएं, इनका उपयोग कोरोनाके खिलाफ जंगमें हथियारके […]

सम्पादकीय

ब्लैक फंगससे दहशत

राजेश माहेश्वरी   म्यूकर मायकोसिस यानी ब्लैक फंगस मुख्य रूपसे उन रोगियोंको प्रभावित करता है, जिनका स्टेरॉयड और अन्य दवाओंके साथ कोरोनाका इलाज किया गया है। इसके अलावा जिन लोगोंको डायबिटीज, कैंसर जैसी दूसरी गम्भीर बीमारियां हैं, वह भी इसकी चपेटमें आ सकते हैं। इस फंगसने रोगियोंको सर्जरीके बाद अपने जबड़े और आंखें गंवानेके लिए मजबूर […]

सम्पादकीय

जैविक युद्धका शिकार भारत

शशांक द्विवेदी      आशंका जतायी जा रही है कि भारत किसी जैविक युद्धका शिकार तो नहीं हुआ है जिसने अचानक चिकित्सा तंत्रको ध्वस्त करके इतनी बड़ी तबाही मचा दी हो। कोरोना वायरस कैसे और कहांसे आया इसको लेकर कई बातें पिछले एक सालसे की जा रहीं हैं लेकिन हालमें ही इससे जुड़े कुछ चौकानेवाले तथ्य सामने […]

सम्पादकीय

भारतीय नेतृत्वका तुष्टीकरण नीति

 डा. समन्वय नंद अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवसके एक दिन पूर्व फिलिस्तीनके आंतकी संघटन हमासकी ओरसे इसराइलपर हमला हुआ और इसमें वहां कार्य कर रही केरलकी एक नर्स सौम्या संतोषकी मौत हो गयी। इस हृदयविदारक घटनाके बाद केरलके एक कांग्रेस महिला नेता बीणा नायारने इस घटना एवं आतंकी गतिविधियोंकी निंदा कर सोशल मीडियापर एक पोस्ट किया था। […]

सम्पादकीय

ज्ञानका सम्बन्ध

ओशो उस परम सत्ताको ऋषियोंने ज्ञान कहा है। लेकिन जिस ज्ञानको हम जानते हैं, उस ज्ञानसे उसका कोई भी संबंध नहीं है। हम किसे ज्ञान कहते हैं उसे ठीकसे समझ लें तो ऋषि किसे ज्ञान कहता है उसे समझना आसान हो जायगा। पहली बात तो यह है, सदा किसी ज्ञेयका होता है, अकेला ज्ञान हमें […]

सम्पादकीय

सुधरते हालात

कोरोनाके खिलाफ जंगका असर अब विश्वके अनेक देशोंमें दिखने लगा है, जिनमें भारत भी शामिल है। स्थितियां सुधर रही हैं और लोग राहतमें भी हैं। संक्रमणकी रफ्तार कम हुई है। इससे अनेक देशोंने पाबन्दियोंमें ढील दे दी है। अमेरिकाने तो मास्ककी अनिवार्यता ही समाप्त कर दी है। बाजारोंको खोलनेका समय भी बढ़ा दिया गया है। […]

सम्पादकीय

महामारीसे मुनाफेके सौदागर

 डा. अश्विनी महाजन    आज कोरोना वायरस जिसे चीनी या वुहान वायरस भी कहा जा रहा है, ने लगभग पूरी मानवताको अपनी चपेटमें ले लिया है। इस महामारीके कारण मरनेवालोंकी भारी संख्याके कारण इस वायरससे संक्रमित लोगोंमें ही नहीं, जो लोग संक्रमित नहीं है, उनमें भी खतरा बढ़ता जा रहा है। स्वास्थ्य सुविधाएं, महामारीके सामने बौनी […]

सम्पादकीय

ग्रामीणोंकी विवशता

योगेश कुमार सोनी    कोरोनाने अब देशभरके गांवोंमें भी दस्तक दे दी है। अबतक माना जा रहा था कि गांवके लोग सुरक्षित हैं लेकिन पिछले लगभग दस दिनसे गांवोंके मौतके आंकडोंने चौका दिया। पिछले तीनमें तो शहरोंके बराबर आंकड़ा पहुंच गया। इसके अलावा परेशानी यह भी बढ़ रही है कि गांववासी झोलाछाप डाक्टरोंकी चपेटमें आ रहे […]